आज कंप्यूटर हमारी जिंदगी का एक ऐसा हिसा बन चुका है जिसकी बिना हम आज की जिंदगी
की कल्पना भी नहीं कर सकते. घर हो या ऑफिस, स्कूल हो या कोई रिसर्च और
devopment संस्थान हर जगह पर कंप्यूटर अपना योगदान दिया है. कंप्यूटर ना
केवल हमारी दैनिक कार्य को आसान बनाया है बल्की इसे तेज,
सस्ता और आसान
बना दिया है.
आज के डिजिटल दुनिया में हर किसी को कंप्यूटर की बेसिक ज्ञान होना जरूरी है, ताकि
हम इस मशीन का सही उपयोग कर सकें. साथ ही आज के प्रतियोगी परीक्षाओं में भी
कंप्यूटर से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल पूछें जातें हैं. तो आयिए आज हम कंप्यूटर को
एकदम सरल एवं आसान भाषा में समझने कि कोशिश करतें है
नीचे सारणी में क्लिक करके आप सीधा किसी भी पैराग्राफ में जा सकतें है
कंप्यूटर क्या है?
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसका उपयोग गणना, प्रक्रिया, यांत्रिकी,
अनुसंधान, शोध आदि में किया जाता है। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का एक
संयोजन होता है जो डेटा को सूचना में परिवर्तित करता है. कंप्यूटर यूजर से
डेटा इनपुट के रूप में लेता है उसे प्रोसेस करता है तथा परिणामों को आउटपुट
के रूप में हमे प्रदान करता है.
एक कंप्यूटर एक के अंदर बहुत सारे गुण होता है, कंप्यूटर एक बार में बहुत सारे
काम को अकेला कर सकता है, यही कारण है कि कंप्यूटर का उपयोग हर इन्सान अलग अलग
कामों में करता है:
जैसे अगर आप कोई स्टूडियो वाले से अगर पूछेंगे को कंप्यूटर का उपयोग कहां किया
जाता है तो ओ आपको बोलेगा फोटो - वीडियो एडटिंग, मिक्सिंग, टाइपिंग, प्रिंटिंग,
स्कैनिंग और बहुत सारे कमो में किया जाता है. वहीं अगर आप अगर कोई
devoloper को पूछेंगे तो शायद ओ आपको ये बोले को कंप्यूटर का उपयोग Development
में किया जाता है
ओवरऑल मेरा कहने का मतलब यह है कि कंप्यूटर हर सभी तरह के कामो को करने के लिए
सछम हैं बस आपको सही हार्डवेयर और सॉ्टवेयर की जरूरत है।
कंप्यूटर के प्रकार?
कंप्यूटर को मुख्य 3 रूप में बांटा गया है।
- अनुप्रयोग (Application)
- उद्देशय (Purpose)
- आकार (Size)
अगर आपको के कोई कंप्यूटर कहता है तो आपके मन में लैपटॉप या डेस्कटॉप आता होगा.
लेकिन हम आपको बता दें कि ये दोनों कंप्यूटर के एक प्रकार है. कंप्यूटर उस हर
एक डिविस को कहा जाता है जो किसी इनपुट को लेकर उसे प्रोसेस करके आउटपुट के रूप
में देता हो.
जैसे:
ATM:- आप पैसे निकालने या जमा के लिए करने के लिए जिस मशीन का उपयोग करतें है ओ
भी एक प्रकार के कंप्यूटर ही है. साथ ही बता दे की ATM का फूल फॉर्म Automated
teller machine होता है.
कैलकुलेटर (calculator):- जिस कैलकुलेटर को आप कैलकुलेशन ( जोड़ घटाव यदि) के
लिए उपयोग करतें है ओ भी एक प्रकार का कंप्यूटर है.
Mobile Phone ( स्मार्ट और फीचर दोनों), टीवी, वाशिंग मशीन, रेडियो, स्मार्ट
बैंड, लिफ्ट, और भी बहुत कुछ कंप्यूटर का एक प्रकार है.
कंप्यूटर क्या हैं ( एक छोटा परिचय ):
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर संयोजक होता है. एक कंप्यूटर को चलाने के लिए
दोनों चिजो की आवश्यकता पड़ती है. हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों कंप्यूटर
सिस्टम को चालू करने के लिए संयोजन का काम करते हैं. हार्डवेयर एक भौतिक पार्ट
होता है जिसे देखा और छुआ जा सकता है. सॉफ्टवेयर में निर्देशों और डेटा का
संग्रह होता है जो हार्डवेयर को कार्य करने देता है तथा ये हार्डवेयर के अंदर
स्टोर रहता है.
एक कंप्यूटर में बहुत सारे उपकरण लगे रहते है. उधारण के लिए नीचे चित्र में एक
डेस्कटॉप कंप्यूटर का सेटअप दिखता गया है.
इस चित्र में कंप्यूटर के बहुत सारे अलग अलग उपकरण को दिखाया गया है. इनमे से
कुछ इनपुट उपकरण, प्रोसेसिंग इकाई और आउटपुट उपकरण (Device) को दिखाया गया
है.
इनपुट और आउटपुट डिवाइस के बारे में और जानने के लिए नीची दिए गए लिंक पर क्लिक
करें
- INPUT DEVICE click here
- OUTPUT DEVICE click here
उपर दिए गए डेस्कटॉप कंप्यूटर में जरूरत के अनुसर
और भी उपकरण को जोड़ा जाता है
जैसे: कुछ स्कैन करने के लिए "स्कैनर ( Scanner)",
कुछ प्रिंट करने के लिए "प्रिंटर
(Printer)", कैमरा, ज्योस्टिक, BCR, और भी बहुत कुछ
अब ऊपर दिए गए उपकरण को एक एक करके समझने की कोशिश करतें है।
कीबोर्ड (Keyboard):
Keyboard कंप्यूटर का एक इनपुट उपकरण है. इसका उपयोग कंप्यूटर को निर्देश देने
के लिए किया जाता है. एक कीबोर्ड में कई प्रकार के कुंजियां होती है. आज हम जिस
कीबोर्ड का उपयोग करतें है इसे QWERTY कीबोर्ड कहते हैं. QWERTY कीबोर्ड को
बनाने का सर्ये "क्रिस्टोफर लैथम शोलेज" को जाता है. क्योंकि इन्होंने सबसे
पहले QWERTY टाइपराइटर का आविष्कार किया था.
इसमें 104 प्रमुख कुंजियां (Keys) होतें है. ये संख्या कीबोर्ड की कंपनी और
मॉडल के अनुसार कुछ ज्यादा भी हो सकतें है. इसमें A - Z तक के सारे अल्फाबेट, 0
- 9 तक के सारे नंबर, Special characters, Mathematics Symbol और कुछ कमांड की
होते है
(कीबोर्ड)
( टाइपराइटर )
Facts:
क्या आपको पता है कि पहले जब QWERTY कीबोर्ड को डिज़ाइन इसलिए किया गया ताकि
हमारी टाइपिंग स्पीड स्लो हो सके। क्योंकि पुराने जमाने में टाइपराइटर में आप
अगर तेजी से टाइप करते तो टाइपराइटर जाम हो जाता था। और इसीलिए इजाद हुआ QWERTY
कीबोर्ड का ताकि आपकी स्पीड कंट्रोल में रहे।
माउस (Mouse):
Mouse भी एक इनपुट उपकरण है जो Computer को निर्देश देने के लिए होता है.
इसे Pointing Device भी कहा जाता है, क्योंकि हम इसके द्वारा Computer में
उपलब्ध प्रोग्राम को चुनते है. एक Mouse में मुख्यता 3 कुंजियां होती
है.
(आज के माउस)
Fact:
क्या आपको पता है 1960 में डगलस एंजेलबर्ट और बिल इंग्लिश जब पहली बार माउस को बनाया गया तब उन्होंने माउस का नाम X-Y position indicator for displays रखा। बाद में डगलस एंजेलबर्ट ने ही इसका नाम माउस रख दिया।
System Unit:
System Unit को CPU (Central Processing Unit) भी कहा जाता है. यह एक बक्सा
के आकर होता है जिसमें Computer को अपना कार्य करने के लिए आवश्यक यंत्र लगे
होते है. इसमें मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क आदि यंत्र होते है जो
Computer को कार्य करने लायक बनाते है. और इसलिए इसे कंप्यूटर का दिमाग भी
कहा जाता है.
(एक सिस्टम यूनिट के अंदर का नज़ारा)
मॉनिटर (Monitor):
मॉनिटर एक आउटपुट उपकरण है. यह एक TV के जैसा होता है जिसमे हमारे द्वारा
निर्देश का परिणाम को दिखता है.
स्पीकर (speaker):
स्पीकर भी एक आउटपुट उपकरण है. इसकी मदद से हम आवाज को सुन पाते है. हम जो
स्पीकर कंप्यूटर में इस्तेमाल करतें है उसे लाउड स्पीकर कहा जाता है
जोहान फिलिप रीस ने 1861 में सबसे पहला स्पीकर बनाया था.
कम्प्यूटर की विशेषताएं
इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज से समय में हम ज्यादातर के लिए कंप्यूटर पर
निर्भर है. और कुछ काम तो एसे भी जिसे हम कंप्यूटर के बिना तो सोच भी नहीं
सकतें है. तो अब हम जानतें है कि आखिर कंप्यूटर इतना लोकप्रिय क्यों है?
कंप्यूटर को लोकप्रिय होने का बहुत सारे कारण कारण है, चलिए इन्हीं में कुछ
कारणों पर हम बात करतें है:
1. शुद्धता (Accuracy):
कंप्यूटर द्वारा दिए गए परिणाम त्रुटिहीन रहते हैं.
एक कंप्यूटर GIGO (Garbage in Garbage Out) प्रिंसिपल पर काम करता है, जिसके
कारण इनके परिणामों की शुद्धता मानव द्वारा दिये गए परिणामों की तुलना में
अधिक होती है.
2. गति (Speed):
कंप्यूटर बहुत तेज काम करता है. इनकी काम करने की गति को माइक्रो सैकंड (ms),
नैनो सैकंड(ns) और पिको सैकंड(ps) में मापा जाता है. एक सामान्य कंप्यूटर
आमतौर पर 10 लाख निर्देश प्रति सेकंड प्रोसेस करता है. (Million of
intructions per second)
यह भी जाने
1 second = 10⁶ ms (microseconds)
1 second = 10⁹ ns (nanoseconds)
1 second = 10¹² ps (picoseconds)
3. भंडारण क्षमता (storage capacity):
कंप्यूटर की भंडारण क्षमता बहुत अधिक होती है. यह बहुत सारे प्रकार का डेटा
अपने अंदर रख सकता है. कंप्यूटर में रखी जाने वाली डेटा को अगर हम दस साल बाद
भी खोलेंगे तो वह वैसा का वैसा ही मिलेगा.
4. विश्वनीय (Reliability):
कंप्यूटर एक बहुत ही विश्वनीय और भरोसेमंद उपकरण है. कंप्यूटर जीवन बहुत लंबा
होता है कंप्यूटर के सभी सहायक उपकरण को आसानी से बदल जा सकता है.
5. बहु प्रतिभावान (multi talented):
कंप्यूटर एक बहू प्रतिभावान उपकरण है. इससे हम एक बार में बहुत सारे काम को
आसानी से कर सकतें है. इसमें हम टाइपिंग, गेम, वीडियो, संगीत, ग्राफिक
डिजाइन, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, रीसर्च, रिपोर्ट, संचार जैसे कई अनेक सेवा में
इस्तेमाल कर सकतें है.
6.परिश्रमी (Diligence):
कम्प्यूटर एक थकान मुक्त और मेहनती मशीन हैं.
यह बिना रुके, थके और बोरियत माने बगैर अपना कार्य सुचारु रूप से समान
शुद्धता के साथ कर सकता हैं.
यह पहले और आखिरी निर्देश को समान एकाग्रता, ध्यान, मेहनत और शुद्धता से पूरा
करता हैं.
7. प्रकृति का दोस्त (Nature Friendly)
कम्प्यूटर अपना कार्य करने के लिए कागज का इस्तेमाल नहीं करता हैं.
डाटा का भंडारण करने के लिए भी कागजी दस्तावेज नहीं बनाने पडते हैं.
इसलिए कम्प्यूटर अप्रत्यक्ष रूप से प्रकृति के रक्षक होते हैं. और इससे लागत
में भी कमी आती हैं.
कम्प्यूटर की सीमाएं (Limitations of Computer)
हमे इस बात को अच्छी तरह से जानतें है कि एक सिक्के के दो पहलू होते है. उसी
तरह कंप्यूटर में विशेषताएं के साथ साथ कुछ सीमाएं भी है.
निर्भरता:
कम्प्यूटर एक मशीन हैं जिसे अपना कार्य करने के लिए हम इंसानों पर निर्भर
रहना पडता हैं. जब तक इसमे निर्द्श प्रविष्ट नहीं होंगे यह कोई परिणाम
उत्पादित नही कर सकता है
बुद्धिहीन:
कंप्यूटर में खुद से सोचने - समझने की क्षमता नहीं होती है. यह एक
बुद्धिहीन उपकरण है. यह यूजर पर दिए गए निर्देश को केवल प्रोसेस करके परिणाम
डेटा है. हालंकि अभी के समय में बड़े बड़े कंपनियां कृत्रिम मेधा (
Artificial Intelligence) के माध्यम से कंप्यूटर को कुछ कुछ सोचने और समझने
की तर्क को विकसित कर रहें है.
साफ वातावरण:
कंप्यूटर को सही तरीके से काम करने के लिए साफ वातावरण की आवश्कता होती है.
अगर इसमें धूल कं चले गए तो इसकी कार्य क्षमता प्रभावित हो सकती है. साथ मे
कंप्यूटर वायरस का भी सामना करना पड़ सकता है.
कंप्यूटर का विकास
आज जो हम कंप्यूटर देख रहे है इसका बनाने का इतिहास बहुत पुराना है. ईसा
पूर्व जब इंसानों ने आपने आप को गणित में विकास कर रहे थे उस समय उन्हें गणित
में गणना करने में बहुत दिक्कत हो रही थी. और इसी का हल खोने के लिए ईसा
पूर्व चीनियों ने अबेकस का आविष्कार किया. और यही से हमारे आज का आधुनिक
कंप्यूटर का इतिहास शुरु होता है.
अबेकस ( Abacus):
अबेकस
को दुनिया का पहला कंप्यूटर भी कहा जाता है. अबेकस दुनिया की पहली ऐसी उपकरण
जिसके मदद से गणित में गणना करना थोड़ा आसान हो गया था. अबेकस का आविष्कार
ईसा पूर्व चीनियों ने कि थी. अबेकस में गणना करने के लिए बीड्स (beads) का
प्रयोग होता था. और हर एक बीड्स के अपना एक वैल्यू होता था और इसे ही उपर
नीचे करके गणना किया जाता था
(पुराने जमाने का अबेकस)
आज भी बच्चो को गणित सीखाने के लिए अबेकस इस्तेमाल किया जाता है. इससे बच्चो
का दिमाग कभी तेजी से विकसित होता है. हालंकि आज जो अबेकस इस्तेमाल किया जा
रहा है ओ पुराने जमाने के अबेकस से अलग और इस्तेमाल करने में आसान भी है
(आज के अबेकस)
नेपियर की 'लॉग्स' और 'बोन्स'
यह हाथ से चलाया जाने वाला गणना उपकरण है, जिसका आविष्कार मर्चेन्स्टन
(Merchiston) के जाॅन नेपियर (John Napier) (1550-1617) ने किया था। इस गणना
उपकरण में उन्होंने गुणा-भाग करने के लिए 9 अलग-अलग तरह की अंक चिन्हित
हड्डियों का इस्तेमाल किया। इसलिए यह गणना उपकरण
नेपियर बोन्स (Napier Bones)
के नाम से जाना जाता है। यह दशमलव बिन्दु को इस्तेमाल करने वाला पहला उपकरण
था।
(19 वीं शताब्दी का लॉग्स और बोन्स)
पास्कलाइन एडिंग मशीन (Pascaline's adding machine):
इसका आविष्कार फ्रांस के गणितज्ञ एवं दार्शनिक ब्लेज पास्कल (Blaise Pascal)
ने सन् 1642 और 1644 के बीच में किया था। ऐसा माना जाता है कि यह प्रथम
मेकनिकाल और स्वचालित कैलकुलेटर था।
(पास्कलाइन)
लिबनिट्ज कैलकुलेटर (Leibnitz's calculator)
सन् 1673 में एक जर्मन के गणितज्ञ Gottfried Wilhelm Leibnitz ने पस्कलाइन
में सुधार करके इस उपकरण को बनाया था. यह एक डिजिटल मैकेनिकल कैलकुलेटर
था.
बब्बेज का डिफरेंस इंजन (Babbage's Difference engine):
इसे Charles Babbage ने सन् 1820 में बनाया था. यह एक मैकेनिकल कंप्यूटर था
जो साधारण गणना करने में क्षामम था. इसे चलने के भाप(STREAM) की जरूरत पड़ती
थी. इसके मदद से लोगरिथम टेबल (Logarithm table) को भी हल किया गया था.
बब्बगे एनालिटिकल इंजन(Babbage's Analytical Engine)
इस गणना मशीन को Charles Babbage ने सन् 1830 में विकसित किया था। यह एक
मैकेनिकल कंप्यूटर था, जो इनपुट के रूप में पंच कार्ड का उपयोग करता था। यह
किसी भी तरह की गणितीय समस्या को हल करने और स्थाई स्मृति के रूप में जानकारी
संग्रहित करने में सक्षम था।
आज की कंप्यूटर जिसे हम उपयोग में लाते हैं वह इसी एनालिटिकल इंजन पर काम
करता है. यही कारण है कि charles Babbage को कंप्यूटर का पिता (Father of
computer) कहा जाता है
Tabulating Machine:
इसका निर्माण एक अमेरिकन सांख्यिकीविद् Herman Hollerith ने सन् 1890 में
किया था। यह एक मैकेनिकल टैब्यूलेटर था, जो पंच कार्डस पर निर्भर था। यह
आँकड़ो और सूचना को सारणीबद्ध (Tabulate) कर सकता था। इस मशीन का उपयोग सन्
1890 में U.S. की जनगणना करने में किया गया था।Hollerith ने Hollerith’s
Tabulating Machine Company शुरू की थी, जो बाद में सन् 1924 में
International Business Machine (IBM) बन गई।
Mark I:
कंप्यूटर के इतिहास में अगले कुछ मुख्य बदलाव सन् 1937 में शुरू हुए थे, जब
Howard Aiken ने एक मशीन को विकसित करने की योजना बनाई जो बड़ी संख्याओं की
गणना कर सके। सन 1944 में IBM और Harward ने मिलकर Mark I कंप्यूटर बनाया। यह
पहला Programmable डिजिटल कंप्यूटर था।
Generations of Computers:
कंप्यूटर की एक पीढी समय के साथ कंप्यूटर तकनीकि में हुए विशिष्ट सुधारों को
दिखाती है। सन् 1946 में Electronic Pathways जिनको Circuitsकहा जाता है, को
गणना करने के लिए विकसित किया गया था। गिर्यस और अन्य मैकेनिकल उपकरणों की
जगह इसका इस्तेमाल होने लगा था।
हर नई पीढ़ी में Circuitsपुरानी पीढ़ियों के Circuits से और छोटा और अधिक सक्षम
होता चला गया। इसके छोटे होने से कंप्यूटर की गति, मेमोरी और शक्ति में
वृद्धि करना आसान हो गया। कंप्यूटर की 5 पीढ़ियाँ हैं, इन्हें नीचे वर्णित
किया गया है –
First Generation Computers:
पहली पीढ़ी (1946-1959) के कप्यूटर धीमे, आकार में बड़े और महँगे होते थे। इन
कंप्यूटरों में vacuum tubes का इस्तेमाल सी.पी.यू और मेमोरी जैसे basic
components के रूप में किया जाता था। ये कंप्यूटर मुख्य रूप से batch
operating और पंच कार्ड़ पर निर्भर थे। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में मैगनेटिक टेप
और पेपर टेप का इस्तेमाल आउटपुट और इनपुट डिवाइस के रूप में किया जाता था।
पहली पीढ़ी के कुछ लोकप्रिय कंप्यूटर निम्नलिखित हैं;
ENIAC ( Electronic Numerical Integrator and Computer)
EDVAC ( Electronic Discrete Variable Automatic Computer)
UNIVACI ( Universal Automatic Computer)
IBM-701
IBM-650
Second Generation Computers
दूसरी पीढ़ी (1959-1965) ट्रांजिस्टर कंप्यूटर का युग था।
इन कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टरों का उपयोग होता था, जो सस्ते, आकार में छोटे
और कम बिजली का इस्तेमाल करतेे थे। इस कारण ट्रांजिस्टर कंप्यूटर, पहली पीढ़ी
के कंप्यूटर से अधिक तीव्र होते थे।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में, मैगनेटिक कोर (magnetic cores) का इस्तेमाल
प्राथमिक मेमोरी के लिए और मैगनेटिक डिस्क, टेप का इस्तेमाल द्वितीय स्टोरेज
के लिए होता था। इन कंप्यूटरों में Assembly language और programming
languages (COBOL and FORTRAN),और Batch processing और multiprogramming
operating systems का इस्तेमाल किया गया था।
दूसरी पीढ़ी के कुछ लोकप्रिय कंप्यूटर निम्नलिखित हैं;
IBM 1620
IBM 7094
CDC 1604
CDC 3600
UNIVAC 1108
Third Generation Computers
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में Transistors की जगह integrated circuits (ICs) का
इस्तेमाल किया गया। एक अकेली IC में बड़ी संख्या मेंTransistors को रख सकती
थी, जिससे कंप्यूटर की क्षमता बढ़ गयी और लागत कम हो गयी और कंप्यूटर अधिक
विश्वसनीय, कुशल और आकार में छोटे हो गये। इस पीढ़ी के कंप्यूटर आॅपरेटिंग
सिस्टम के रूप में remote processing, time-sharing, multi programming का
प्रयोग करते थे। इस पीढ़ी में High-level programming languages जैसे
FORTRON-II TO IV, COBOL, PASCAL PL/1, ALGOL-68 का इस्तेमाल किया गया।
तीसरी पीढ़ी के कुछ लोकप्रिय कंप्यूटर निम्नलिखित हैं;
IBM-360 series
Honeywell-6000 series
PDP(Personal Data Processor)
IBM-370/168
TDC-316
Fourth Generation Computers
चौथी पीढ़ी (1971-1980) के कंप्यूटर Very Large Scale Integrated (VLSI)
सर्किट का इस्तेमाल हुआ, जिसकी एक चिप में लाखों ट्रांजिस्टर और अन्य सर्किट
जड़ित थे। इन चिपों ने इस पीढ़ी के कंप्यूटरों को पहले से अधिक छोटा,
शक्तिशाली, तेज और सस्ता बना दिया। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में real time, time
sharing और distributed operating system का इस्तेमाल हुआ। इस पीढ़ी के
कंप्यूटर में programming languages जैसेC, C++, DBASE का भी इस्तेमाल हुआ।
चौथी पीढ़ी के कुछ लोकप्रिय कंप्यूटर निम्नलिखित हैं;
DEC 10
STAR 1000
PDP 11
CRAY-1(Super Computer)
CRAY-X-MP(Super Computer)
Fifth Generation Computers:
पाँचवीं पीढ़ी (1980-अब तक) के कंप्यूटर में VLSI टैक्नोलाॅजी की जगह ULSI
(Ultra Large Scale Integration) टैक्नोलाॅजी का इस्तेमाल हुआ। इससे दस लाख
electronic components से बनी हुई microprocessor chips का उत्पादन संभव हुआ।
इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में parallel processing हार्डवेयर और AI (Artificial
Intelligence) साॅफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में
इस्तेमाल होने वाली प्रोग्रामिंग भाषा C, C++, Java, .Net, इत्यादि थी।
पाँचवीं पीढ़ी के कुछ लोकप्रिय कंप्यूटर निम्नलिखित हैं;
Desktop
Laptop
NoteBook
UltraBook
ChromeBook
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